हल्द्वानी- नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अनारक्षित-सामान्य श्रेणी में असिस्टेंट प्रोफेसर (रसायन विज्ञान) के पद के लिए अंतिम परिणाम में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी के चयन को चुनौती देती याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने आयोग सहित इस पद के चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में बरेली निवासी कुलदीप चौहान की याचिका पर सुनवाई की।
इस याचिका के जरिए आयोग की ओर से घोषित अंतिम परिणाम को चुनौती दी गई है, जिसमें ओबीसी और एससी वर्ग के उम्मीदवार को अनारक्षित-सामान्य सीट पर चयन दिया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार के अंतिम परिणाम को अनारक्षित या सामान्य श्रेणी में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, जब आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार ने प्रारंभिक परीक्षा में कम कट-ऑफ अंकों का लाभ उठाया हो। याचिकाकर्ता ने कहा कि आरक्षण के ओवरलैपिंग के परिणामस्वरूप सार्वजनिक पदों में अत्यधिक आरक्षण हो जाएगा।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग सहित इस पद पर चयनित दो अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।