विशेष संवाददाता
गिर (गुजरात), 3 मार्च – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गिर राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और वन कर्मियों की गतिशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने फील्ड स्तर के वन अधिकारियों, इको-गाइड्स और ट्रैकर्स से संवाद भी किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “गिर राष्ट्रीय उद्यान के दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने वन कर्मियों के लिए मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाई और फील्ड स्तर के वन कर्मचारियों से बातचीत की।”
इससे पहले, पीएम मोदी ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की और देश के पहले नदीय डॉल्फिन आकलन के नतीजों को जारी किया। इस अध्ययन में आठ राज्यों की 28 नदियों को कवर किया गया और कुल 6,327 डॉल्फिन दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा डॉल्फिन पाई गईं, इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।
बैठक में वन्यजीव संरक्षण के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें नए संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना और प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट और प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड जैसे प्रमुख कार्यक्रम शामिल थे। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से डॉल्फिन संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया और स्थानीय समुदायों व स्कूली बच्चों को डॉल्फिन के प्राकृतिक आवासों की सैर कराने का सुझाव दिया।
इसके अलावा, पीएम मोदी ने वन क्षेत्रों में पाई जाने वाली औषधीय पौधों की प्रजातियों के अनुसंधान और दस्तावेजीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पशु स्वास्थ्य देखभाल में पारंपरिक औषधीय पौधों के उपयोग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी जीवों के संरक्षण से जुड़े संयुक्त राष्ट्र संधि (CMS) के तहत सहयोग को और मजबूत करने का आह्वान किया। गिर में उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित फील्ड कर्मचारियों, इको-गाइड्स और ट्रैकर्स से भी मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना की।