फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मैनालो ने बुधवार को भारत-फिलीपींस संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं और इस दौरान नवीकरणीय ऊर्जा, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग का दायरा बढ़ा है। मैनालो ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र और खुला माहौल बनाए रखने की आवश्यकता को भी दोहराया।
एएनआई से बातचीत में विदेश मंत्री मैनालो ने कहा कि दोनों देश सदियों से साझेदार रहे हैं, लेकिन बीते 4-5 वर्षों में उनके संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “हम भारत और फिलीपींस के बीच आधिकारिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, लेकिन हमारी साझेदारी इससे कहीं पुरानी है। हाल के वर्षों में हमारे सहयोग ने काफी रफ्तार पकड़ी है।”
#WATCH | Delhi | Enrique Manalo, Philippines Secretary for Foreign Affairs says, “We are celebrating the 75th anniversary of official relations between the Philippines and India, even though we have been partners for centuries…In the last 4 or 5 years, our relationship has… pic.twitter.com/CoeCM6hAfy
— ANI (@ANI) March 19, 2025
उन्होंने बताया कि सहयोग के ये नए आयाम नवीकरणीय ऊर्जा, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सूचना प्रौद्योगिकी (IT), फार्मा और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों में फैले हैं।
विदेश मंत्री मैनालो ने रायसीना डायलॉग 2025 के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इस दौरान संपर्क मार्गों (कनेक्टिविटी), समुद्री सहयोग और भारत-आसियान संबंधों को मजबूत बनाने जैसे अहम विषयों पर चर्चा की। जयशंकर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बताया कि उनकी चर्चा संपर्क मार्गों, समुद्री ढांचे और आसियान भागीदारी को गहरा करने पर केंद्रित रही।
भारत और फिलीपींस के बीच व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय “प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट” (PTA) स्थापित करने पर भी बातचीत चल रही है। मैनालो ने भारतीय उद्योग परिसंघ (FICCI) को संबोधित करते हुए ऑटोमोबाइल, बैटरी निर्माण, मूल्यवर्धित आईटी और आईटी-सक्षम सेवाएं (ITES), फार्मा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
गौरतलब है कि फिलीपींस ने भारत को अपने देश से निकेल आयात करने का प्रस्ताव दिया है। यह कदम चीन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। फिलीपींस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निकेल उत्पादक देश है और वैश्विक निकेल उत्पादन में इसका 11% हिस्सा है, जिसका बड़ा भाग लिथियम-आयन बैटरी निर्माण में उपयोग किया जाता है। मैनालो ने बताया कि भारत द्वारा रूस, नॉर्वे और जापान जैसे देशों से बड़ी मात्रा में कच्चा निकेल आयात किया जाता है, ऐसे में फिलीपींस भारत के लिए आकर्षक विकल्प बन सकता है।
मैनालो ने PTA वार्ता को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया, जो पिछले दो वर्षों से प्रारंभिक चर्चा के चरण में है। उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि एक प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट हमारे दोनों हिंद-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं के बीच वाणिज्यिक संबंधों में विविधता और विस्तार लाने में मदद करेगा।”
फिलीपींस अपनी प्रमुख वाहन आधुनिकीकरण योजना के तहत भारतीय वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है। मैनालो ने भारत को फिलीपींस के लिए एक बड़ा निर्यात बाजार बताते हुए कहा कि इस बाजार की संभावित क्षमता लगभग 577 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में लगभग 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले कुछ वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है। FICCI के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि भारतीय फार्मा उद्योग फिलीपींस बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भारत के एशियाई फार्मा निर्यात में लगभग 20% हिस्सेदारी फिलीपींस के लिए है।
इसके अलावा, अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट), हरित गतिशीलता (ग्रीन मोबिलिटी) और कृषि प्रौद्योगिकी जैसे नए क्षेत्रों में भी दोनों देशों का सहयोग बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में भी साझेदारी मजबूत हुई है, जिसका उदाहरण अप्रैल 2024 में भारत द्वारा फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी है।
व्यापारिक सहयोग को और बढ़ाने के लिए फिलीपींस सरकार ने भारतीय यात्रियों और व्यापारियों के लिए ई-वीजा प्रणाली शुरू की है। मैनालो ने कहा कि वे भारत के लिए वीज़ा प्रणाली को और अधिक सुविधाजनक और सुगम बनाने पर काम कर रहे हैं।
फिलीपींस के भारत में राजदूत जोसेल फ्रांसिस्को इग्नासियो ने बताया कि फिलीपींस सरकार ने “फास्ट ट्रैक” प्रक्रिया शुरू की है, जिससे भारत के वैध निवेशकों को तेजी से व्यापारिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। ई-वीजा प्रणाली के तहत अब भारतीय नागरिकों को छह महीने या एक वर्ष के लिए मल्टीपल-एंट्री वीजा जारी किया जा रहा है, जिसे जल्द ही और अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा।