देहरादून | उत्तराखंड की जीवनरेखा माने जाने वाली श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस वर्ष भी रिकॉर्ड तोड़ रही है। यात्रियों की अभूतपूर्व संख्या और धार्मिक आस्था के साथ ही इस यात्रा ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त रफ्तार दी है। यात्रा के शुरुआती 48 दिनों में करीब 300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है—जो न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र बल्कि स्थानीय रोजगार और व्यावसायिक गतिविधियों के लिहाज से भी बेहद अहम है।
🔸 300 करोड़ की कमाई का गणित
श्री केदारनाथ यात्रा के पहले 48 दिनों में विभिन्न क्षेत्रों से हुई अनुमानित आय इस प्रकार है:
🚶♂️ 11.4 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन
02 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 11,40,000 से अधिक तीर्थयात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। यानी प्रतिदिन औसतन 24 हजार श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर पहुंचे। बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी लगातार मजबूत की जा रही हैं।
🐎 घोड़ा-खच्चरों से 67 करोड़ की आय
करीब 20 किमी लंबे कठिन पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर यात्रा का एक बड़ा आधार हैं। अब तक 2.27 लाख से अधिक यात्री इन माध्यमों से केदारनाथ पहुंचे, जिससे ₹66.73 करोड़ की कमाई हुई है। 8,000 घोड़ा-खच्चर पंजीकृत हैं, हालांकि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते कुछ दिन संचालन प्रभावित रहा।
🚁 हेली सेवाओं से 60 करोड़ का कारोबार
पैदल यात्रा में असमर्थ या समयाभाव से जूझ रहे यात्रियों के लिए हेली सेवा एक विकल्प के तौर पर बेहद सफल रही है। इस साल अब तक 49,247 श्रद्धालु हेली सेवा से बाबा के दर्शन कर चुके हैं। संचालन 9 हेलीपैडों से 8 कंपनियां कर रही हैं। साथ ही रेस्क्यू कार्यों में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
💺 डंडी-कंडी सेवा भी बनी सहारा
बुजुर्गों, बीमारों और छोटे बच्चों के लिए डंडी-कंडी सेवा भरोसेमंद माध्यम बनी हुई है। अब तक ₹2 करोड़ से अधिक की कमाई इस सेवा से हुई है। इस वर्ष 7,000 से ज्यादा पंजीकृत संचालक सेवा दे रहे हैं।
🚖 टैक्सी संचालन से 14.5 करोड़ की कमाई
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक चलने वाली शटल सेवाओं ने भी तगड़ी कमाई की है। प्रति यात्री ₹100 के हिसाब से अब तक 11.4 लाख यात्रियों ने सेवा ली है। 225 गाड़ियां सेवा में लगी हैं, जिनमें 25 गाड़ियां बुजुर्गों व महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
🏨 होटल, टेंट और रेस्तरां: 150 करोड़+ का कारोबार
गौरीकुंड से केदारपुरी तक करीब 2000 होटल, टेंट और भोजनालय श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं। औसतन हर यात्री ₹1500 से ₹2000 तक खर्च करता है। यात्रा में अब तक आए 11.4 लाख तीर्थयात्रियों के हिसाब से 150 करोड़ से अधिक का होटल-रेस्तरां कारोबार हुआ है। वहीं जीएमवीएन के 15 प्रतिष्ठानों (जैसे ध्यान गुफा) से भी ₹5 करोड़ की कमाई हुई है।
📈 हर साल बढ़ रहा है धार्मिक पर्यटन का दायरा
श्री केदारनाथ धाम की यात्रा न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक बन चुकी है बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में उभर रही है। स्थानीय व्यापारियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, वाहन चालकों, होटल संचालकों और पशुपालकों को इससे प्रत्यक्ष लाभ हो रहा है।
📢 प्रशासन की अपील
पर्यटन विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि हेली बुकिंग केवल IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से ही करें, ताकि किसी भी फर्जीवाड़े से बचा जा सके।
श्री केदारनाथ यात्रा सिर्फ आस्था नहीं, आर्थिक विकास की नई पटकथा भी है। आने वाले वर्षों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ा आर्थिक इंजन बनकर उभरेगा।