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बुर्किना फासो की सख्त कार्रवाई: बीबीसी और अन्य पर प्रतिबंध

बुर्किना फासो ने सामूहिक हत्या की खबरों को कवर करने के लिए बीबीसी और वॉयस ऑफ अमेरिका समेत दो प्रमुख विदेशी प्रसारणों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सामूहिक हत्या का आरोप

बुर्किना फासो ने आरोप लगाया है कि बीबीसी और वॉयस ऑफ अमेरिका ने सेना पर सामूहिक हत्या करने का आरोप लगाने वाली एक रिपोर्ट को प्रसारित करके लोगों को भड़काया है। सरकार ने कहा है कि रिपोर्ट झूठी और भड़काऊ थी।

223 लोगों की मौत

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि सुरक्षा बलों ने एक गांव के 223 लोगों को मार डाला, जिसमें 56 बच्चे भी शामिल थे। सरकार ने इन दावों का खंडन किया है और कहा है कि ऑपरेशन आतंकवादियों के खिलाफ एक वैध कार्रवाई थी।

हिंसा से त्रस्त राष्ट्र

बुर्किना फासो कई वर्षों से हिंसा से जूझ रहा है, जिसमें अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे चरमपंथी समूह सक्रिय हैं। सरकार विरोधी समूहों का भी समर्थन इन समूहों को प्राप्त है। संघर्ष के परिणामस्वरूप दो मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

प्रेस की स्वतंत्रता की चिंता

बीबीसी और वॉयस ऑफ अमेरिका पर प्रतिबंध ने प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में चिंताएं पैदा कर दी हैं। पत्रकार संगठनों ने प्रतिबंध की निंदा की है और सरकार से इसे वापस लेने का आग्रह किया है।

प्रतिक्रियाएँ

बीबीसी ने कहा है कि वह बुर्किना फासो में हाल की घटनाओं के बारे में सटीक और निष्पक्ष रूप से रिपोर्टिंग करने के लिए प्रतिबद्ध है। वॉयस ऑफ अमेरिका ने भी कहा है कि वह प्रतिबंध के बारे में गहराई से चिंतित है।

बुर्किना फासो सरकार ने कहा है कि प्रतिबंध अस्थायी है और एक बार सुरक्षा स्थिति में सुधार होने के बाद हटा दिया जाएगा।

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