उत्तराखंड में दंगा-फसाद करने वाले उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।
गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के तौर पर लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। विधायी ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक को राजभवन भेजा था। इस कानून के तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी।
इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकेगा। इस दावे का निपटारा भी निश्चित समय अवधि में होगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वाले से हो सके।
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यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी। क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई के अलावा आठ लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्चा भी भरेगा।
उत्तराखण्ड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून 2024 को मंजूरी प्रदान करने पर माननीय राज्यपाल @LtGenGurmit जी (से. नि.) का हार्दिक आभार !
देवभूमि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था और मूल स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कठोरता से…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 19, 2024
उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) विधेयक को मंजूरी देने पर राज्यपाल का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद। इस कानून के तहत दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। दंग नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्य पर आने वाले खर्च की भरपाई भी उपद्रवी से की जा सकेगी। देवभूमि में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री