तमिलनाडु के करूर जिले के कोंगू क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कुप्पुसामी अन्नामलाई ने अपने करियर की शुरुआत एक आईपीएस अधिकारी के रूप में की थी। कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया और 2011 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। कर्नाटक में अपनी सेवा के दौरान, उन्होंने उडुपी और चिकमंगलूर जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया, जहां उनकी कड़ी कार्यशैली और प्रतिबद्धता के कारण उन्हें ‘सिंघम अन्ना’ के नाम से जाना गया। 
अन्नामलाई ने 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा और 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। 2021 में उन्हें तमिलनाडु भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे वह राज्य में पार्टी के सबसे युवा अध्यक्ष बने।
राजनीति में सक्रिय रहते हुए, अन्नामलाई ने तमिलनाडु में भाजपा के जनाधार को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने राज्य के 39 संसदीय क्षेत्रों और 234 विधानसभा क्षेत्रों में 1,770 किलोमीटर की पदयात्रा की। हालांकि, उनके कुछ बयानों ने विवाद भी उत्पन्न किए। उदाहरणस्वरूप, अक्टूबर 2022 में एक साक्षात्कार में दिए गए बयान के कारण उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू हुई, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया। 
अन्नामलाई ने सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय भूमिका निभाई है। दिसंबर 2024 में, उन्होंने अन्ना विश्वविद्यालय में कथित यौन उत्पीड़न मामले के विरोध में अपने आवास के बाहर खुद को कोड़े मारकर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार की उदासीनता की निंदा की। 
कुप्पुसामी अन्नामलाई का सफर एक समर्पित पुलिस अधिकारी से एक सक्रिय और प्रभावशाली राजनीतिक नेता तक का रहा है, जो तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।