केदारनाथ उपचुनावः कांग्रेसियों में सिर फुटव्वल

पर्यवेक्षकों ने अध्यक्ष को दरकिनार कर दिल्ली भेजी रिपोर्ट, संगठन में नाराजगी

पार्टी आलाकमान ने सभी दिग्गजों को किया दिल्ली तलब

दंगल शुरू होने से पहले ही पार्टी को चित करा दे रहे दिग्गज
देहरादून। देश की सबसे पुरानी पार्टी कहे जानी वाली कांग्रेस के खेवनहार हार दर हार के बाद भी बदलने को तैयार नही दिखाई दे रही है, पार्टी दिग्गजों की आपसी गुटबाजी और वर्चस्व की लड़ाई दंगल शुरू होने से पहले ही पार्टी को चित करा दे रही हैं। ताजा मामला उत्तराखण्ड की केदारनाथ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर सामने आया है। केदारनाथ उपचुनाव के लिये बनाए गये पर्यवेक्षकों ने दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की रिपोर्ट सीधे दिल्ली भेज दी है, जिससे प्रदेश संगठन और दावेदारी करने वाले नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है।
केदारनाथ उपचुनाव को लेकर आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, मगर कांग्रसी भाजपा को पटखनी देने की बजाए अपने विरोधी गुट को ही ठिकाने लगानी की जुगत में लग गये हैं। पार्टी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों की ओर से पार्टी हाई कमान को दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की रिपोर्ट सीधे ही भेजी दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को इस रिपोर्ट की कोई जानकारी नही है। करन माहरा ने शाह टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मुझे रिपोर्ट भेजे जाने के बारे में कोई जानकारी नही है।
आम तौर पर कांग्रेस संगठन की और से ही पेनल आलाकमान को भेजा जाता है, कोई पर्यवेक्षक सीधे आलाकमान को पेनल नहीं भेजता हैं। प्रदेश में चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी संगठन की होती हैं ना की किसी पर्यवेक्षक की। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता हैं कि गणेश गोदियाल समेत तमाम पर्यवेक्षकों ने प्रदेश संगठन को दरकिनार क्यो किया।
कांग्रेस से दावेदारी करने वाले तो गणेश गोदियाल को पर्यवेक्षक बनाए जाने पर भी एतराज जता रहे थे। कहा जा रहा था कि गोदियाल मनोज रावत के करीबी हैं, जो खुले आम मनोज की पैरवी कर रहें है। उनकी नियुक्ति किसी भी आधार पर सही नहीं हैं।
सूत्र बताते है कि मंगलवार को हुई वर्चुवल बैठक में प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने इस बात को लेकर आपत्ति जताई हैं कि क्यों पर्यवेक्षको ने सीधे अपनी रिपोर्ट भेजी है, जबकि आज तक प्रदेश संगठन के की और से ही अभी तक रिपोर्ट भेजी जाती रही है।
पर्यवेक्षकों की और से दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की रिपोर्ट सीधे दिल्ली भेजे जाने और मंगलवार को हुई वर्चुवल बैठक में मामला अपने पक्ष में न देख केदारनाथ उपचुनाव से टिकट की चाहत रखने वाले 8 से 9 दावेदार दिल्ली रवाना हो गये हैं। सूत्रों की माने तो मंगलवार को इन सभी नाराज दावेदारों की देहरादून में दिन भर बैठकों का दौर चलता रहा है। देर शाम कई दावेदार दिल्ली के लिये रवाना हो गये हैं।
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता व केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर के उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी पेश की है, मगर उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि उप चुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई है और पक्षपात पूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार किया है। पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ना भेज कर मनमाने तरीके से सीधे केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है, जिससे साफ प्रतीत होता है की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बिल्कुल भी नहीं बरती जा रही है।  प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि एककृदो दिन में नाम की घोषणा कर दी जाएगी। उधर गणेश गोदयाल का कहना है कि भाजपा बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार तथा मूल निवास और भू कानून जैसे अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नएकृनए मुद्दों को खड़ा कर रही है। लेकिन जनता सरकार व भाजपा के नेताओं को इस चुनाव में करारा जवाब देने का मन बना चुकी है।

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