कॉर्बेट के पाखरो टाइगर सफारी मामले में सीबीआई ने जांच तेज करते हुए तत्कालीन वन मंत्री और अब कांग्रेस नेता डॉ. हरक सिंह रावत से फिर पूछताछ की। हरक सिंह ने बताया कि पिछले 14 अगस्त को उनसे सीबीआई ने इंदिरानगर स्थित कार्यालय में दो घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान हरक सिंह ने इस पूरे मामले से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए। इस मामले में हरक ने साफ कहा कि इस प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
हरक ने सीबीआई के सामने रखा पक्ष: सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने पूछताछ के दौरान टाइगर सफारी की सारी जानकारी ली। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी से लेकर सभी स्वीकृतियों को लेकर भी सीबीआई ने हरक सिंह से कई सवाल किए। इस दौरान हरक सिंह ने सीबीआई के अफसरों से कहा कि उस वक्त मंत्री होने के नाते शासन स्तर से उनके पास तमाम फाइलें आई थीं। हरक ने आगे कहा कि पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के दौरान कोई अनियमितता नहीं हुई।
क्योंकि, सारे काम नियमों के अनुसार ही हुए। अगर कहीं नियमों का उल्लंघन हुआ होगा तो उसके लिए अफसर जिम्मेदार ही होंगे। क्योंकि, मंत्री का काम नियम देखना नहीं होता। उन्होंने सीबीआई को कई अहम दस्तावेज दिए, जिसमें इस मामले से जुड़ी कई जानकारियां शामिल हैं। सीबीआई के अफसरों ने हरक से पूछताछ की पुष्टि की है।
सोशल मीडिया पर सामने आया हरक का वीडियो
इस बीच सोशल मीडिया पर हरक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पाखरो टाइगर सफारी मामले में तत्कालीन सरकार और अफसरों की भूमिका को लेकर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। वे इससे जुड़े दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का दावा कर रहे हैं। हरक के अनुसार, सीबीआई ने 14 अगस्त को बुलाया था। उन्होंने सीबीआई के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने इस मामले से जुड़े कई दस्तावेज सीबीआई के अफसरों को सौंपे। हालांकि, ‘हिन्दुस्तान’ इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
केदारनाथ उपचुनाव से पूर्व पूछताछ के बाद पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हरक भी उप चुनाव के लिए संभावित दावेदारों में माने जा रहे हैं। इसके सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं, हालांकि अभी तक उनकी पार्टी के किसी नेता का इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इसे मुद्दा बना सकती है।