वाशिंगटन: ग्रीनलैंड को खरीदने की अमेरिकी योजना को लेकर बढ़ते विवाद और भारी विरोध प्रदर्शन के बाद, अमेरिका ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा ग्रीनलैंड को खरीदने की योजना से ग्रीनलैंड और डेनमार्क में जबरदस्त गुस्सा है। इसी को देखते हुए, अमेरिकी सरकार ने सेकंड लेडी उषा वैंस की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया है।
ग्रीनलैंड में अमेरिका के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन
ग्रीनलैंड के लोगों ने अमेरिका के इस कदम को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि वे “कभी भी” अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेंगे। ग्रीनलैंड की राजधानी नूूक में हाल ही में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन हुए, जो ग्रीनलैंड के इतिहास में सबसे बड़े प्रदर्शन माने जा रहे हैं।
सेकंड लेडी उषा वैंस की इस सप्ताह ग्रीनलैंड के नूूक पहुंचने की योजना थी, लेकिन तीव्र विरोध को देखते हुए वाइट हाउस ने इस दौरे को पूरी तरह बदल दिया। अब उषा वैंस के बजाय यह यात्रा उपराष्ट्रपति जेडी वैंस करेंगे, लेकिन उनकी यात्रा केवल ग्रीनलैंड के उत्तर में स्थित अमेरिकी सैन्य और अंतरिक्ष अड्डे पिटुफिक तक सीमित रहेगी।
अमेरिका की बदली रणनीति
पहले की योजना के अनुसार, उषा वैंस को नूूक में कुछ आधिकारिक बैठकों में भाग लेना था और फिर वे एक वार्षिक पारंपरिक डॉग-स्लेज रेस में भी शामिल होतीं। उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्स और ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट भी आने वाले थे।
हालांकि, अब इन सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रीनलैंड के लोग उषा वैंस के लिए एक “अप्रिय स्वागत” की योजना बना रहे थे, जिसे देखते हुए अमेरिका ने अपनी रणनीति बदली।
ग्रीनलैंड और डेनमार्क की तीखी प्रतिक्रिया
ग्रीनलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मूटे एगडे ने इस यात्रा को अमेरिका की “उकसाने वाली कार्रवाई” करार दिया। उन्होंने कहा, “अब तक, हम अमेरिकियों पर भरोसा करते थे, वे हमारे सहयोगी और मित्र थे, लेकिन अब वह समय खत्म हो गया है।”
डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने भी इस यात्रा को लेकर अमेरिका की आलोचना की और इसे “अस्वीकार्य दबाव” बताया। इसके बाद वाइट हाउस ने अपने कार्यक्रम में बदलाव की घोषणा कर दी।
डेनमार्क ने अमेरिका के इस निर्णय का स्वागत किया है। डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोक्के रासमुसेन ने कहा, “यह अच्छा हुआ कि अमेरिका ने ग्रीनलैंडिक समाज में जाने की योजना रद्द कर दी। अब वे केवल अपने सैन्य अड्डे पिटुफिक जा रहे हैं, और हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है।”
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका ने यह बदलाव इसलिए किया क्योंकि उसे पहले ही अंदाजा था कि नूूक और सिसीमियुत में उसका स्वागत विरोध प्रदर्शनों और “यांकी गो होम” जैसे नारों से होगा।
नई यात्रा योजना
अब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 27 मार्च से 29 मार्च 2025 तक ग्रीनलैंड में रहेगा, लेकिन उनकी गतिविधियां केवल पिटुफिक सैन्य अड्डे तक सीमित रहेंगी।