Uttarakhand Pakhro Range Scam – पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की ED के सामने हुई पेशी, करीब 12 घंटे तक पूछताछ

ED questioned Harak Rawat in Pakhro case 

नई दिल्ली: पाखरो रेंज घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत आज ईडी के सामने पेश हुए। पूर्व मंत्री को पूछताछ ( ED Interrogation ) के लिए बुलाया गया था।

यह मामला वर्ष 2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में दर्ज हुआ था। इस मामले में तत्कालीन कुछ अधिकारियों, जिनमें पूर्व डीएफओ किशनचंद भी शामिल थे, को गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल अगस्त में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। बताया जाता है कि यहां एक पेट्रोल पंप पर सरकारी जनरेटर बरामद हुआ था।

हालांकि, जांच आगे बढ़ने से पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई। विजिलेंस ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए थे। इस बीच ईडी ने भी इस मामले का संज्ञान लिया और फरवरी 2024 में हरक सिंह रावत के घर और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे मारे थे।

हरक सिंह रावत के घर से कुछ भी बरामद होने की सूचना नहीं थी, जबकि एक अधिकारी के घर से कैश और अन्य सामान बरामद हुए थे। ईडी ने सभी अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ की थी। ईडी ने हरक सिंह रावत को फिर से नोटिस भेजकर सोमवार को पेश होने के लिए कहा था, जिसे बाद वह आज ईडी ऑफिस पहुंचे।

यह मामला उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में महत्वपूर्ण माना जा रहा है और ईडी की जांच से मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

हरक सिंह रावत के समर्थक भी पहुंचे

दरअसल पिछले दिनों हरक सिंह रावत सरकार के खिलाफ जमकर बरसे थे हरक सिंह ने पूछताछ के पीछे इसी विरोध को वजह बताया है हरक सिंह रावत के समर्थक भी आज ईडी कार्यालय पहुंच गए हैं दरअसल इसी मामले में गत 14 अगस्त को सीबीआई भी हरक सिंह रावत से पूछताछ कर चुकी है. हरक सिंह रावत ने इससे संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज भी सीबीआई को उपलब्ध कराए थे हरक सिंह रावत ये कहते रहे हैं कि पाखरो रेंज मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है

ये है पूरा मामला

हरक सिंह रावत से जुड़ा यह सारा मामला तब शुरू हुआ, जब कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी की योजना बनाई गई थी. साल 2019 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो टाइगर रेंज सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी

लेकिन बिना अनुमति के 6093 पेड़ काट दिए गए थे तभी ये मामला सुर्खियों में है इस मामले में कई फॉरेस्ट अधिकारी नप चुके हैं तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत कभी विजिलेंस तो कभी सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं अब ईडी भी हरक सिंह रावत से इस मामले में लगातार पूछताछ कर रही है

 

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