बागेश्वर: राज्य के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बागेश्वर जिले का दौरा कर जिले की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। जिला कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री ने जिले की स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
बागेश्वर जिले की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के प्रयासों के बावजूद कई गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। दुर्गम विद्यालय अभी भी गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहे हैं। कपकोट क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की हालत बेहद खराब है, जिससे विधायक भी नाराज हैं।
शिक्षा विभाग पर गलत आंकड़े प्रस्तुत करने के आरोप लगे हैं, जिससे व्यवस्थाओं में सुधार की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति
स्वास्थ्य विभाग की हालत भी चिंताजनक है। जिले में 12 डॉक्टरों में से सिर्फ 5 ही सेवा दे रहे हैं, जबकि 6 डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई में व्यस्त हैं और 1 डॉक्टर लापता है। जिला अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी के कारण मरीजों को पर्याप्त सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
भविष्य की योजनाएं
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जिले में नया जिला अस्पताल आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। हर विकासखंड में 50 डॉक्टरों के लिए आवास बनाए जाएंगे। कपकोट और बैजनाथ के अस्पतालों का उच्चीकरण किया जाएगा।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी 2027 तक होगी पूरी
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी 2027 तक पूरी होगी। सरकार हर साल 200 छात्रों को पीजी के लिए भेज रही है। साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली तैयार की जा रही है।
भवन निर्माण में हो रहा भारी खर्च
सरकार जिले के सरकारी स्कूलों के भवन निर्माण पर भारी मात्रा में खर्च कर रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि केवल भवन निर्माण से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा।
डीएम और विधायक करेंगे निगरानी
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की समस्याओं के समाधान के लिए डीएम और विधायक को मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जनता को जल्द ही बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।