केंद्र सरकार की अमृत योजना-2 के तहत शीघ्र ही प्रदेश के 23 शहरों का जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इससे इन शहरों की जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी बुनियादी सुविधाओं को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने इसके लिए तीन करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अमृत शहरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की उप-योजना को मंजूरी दी है। इसमें 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया है। उत्तराखंड के 23 शहरों का चयन किया गया है। जबकि देशभर में 456 शहर शामिल हैं। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए करीब 19 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
केंद्र से पहली किस्त के रूप में मिले तीन करोड़ रुपये के बजट को शासन ने शहरी विकास निदेशालय को दे दिया है। अब जिलाधिकारियों के माध्यम से संबंधित शहरों का मास्टर प्लान तैयार करने में यह रकम खर्च होगी। इसके तहत भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग करके मानकीकृत आधार मानचित्र, भूमि उपयोग मानचित्र, मास्टर प्लान और शहरी भू-पोर्टल विकसित किया जाएगा। अधीक्षण अभियंता रवि पांडेय ने इसकी पुष्टि की।
राज्य के ये शहर शामिल
अल्मोड़ा, बागेश्वर, गोपेश्वर, टनकपुर, विकासनगर, लक्सर, श्रीनगर, पौड़ी, टिहरी, बाजपुर, सितारगंज, गदरपुर, उत्तरकाशी, रामनगर, खटीमा, नगला, कोटद्वार, ऋषिकेश, डोईवाला, किच्छा, पिथौरागढ़, बाजपुर।