गैरसैंण में मानसून सत्र की अवधि और मुद्दों पर चर्चा के विषय पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने रहे। जहां विपक्ष ने सरकार पर सत्र की अवधि कम रखने और मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा करना ही नहीं चाहता। चूंकि, विपक्ष में सच्चाई सुनने की क्षमता नहीं है, इसलिए सदन से वॉक आउट कर दिया जाता है।
सवालों का सामना नहीं कर पा रही सरकार आर्य
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार में विपक्ष के सवालों का सामना करने की ताकत नहीं है। इसीलिए बार- बार सत्र की अवधि कम रखी जाती है। विस परिसर में मीडिया कर्मियों से बातचीत में आर्य ने कहा कि जब- जब विपक्ष जनता और राज्य हित से जुड़ा विषय सदन में लाता है तो उस पर चर्चा करने में अड़चन पैदा की जाती है।
आज आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भी सरकार की संवेदनशीलता साफ जाहिर हो चुकी है। बीते रोज कानून व्यवस्था पर भी सरकार ने गलत आंकड़े पेश किए। काम रोको प्रस्ताव लाना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन आज क्या हुआ किसी से छिपा नहीं। कांग्रेस राज्य और जनहित के विषयों पर सड़क से सदन तक अपना संघर्ष लगातार जारी रखेगी।
विपक्ष में सच सुनने की क्षमता नहीं अग्रवाल
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष का रवैया गैर जिम्मेदाराना रहा। विस परिसर में मीडिया कर्मियों से बातचीत में अग्रवाल ने कहा कि सत्र की अवधि कार्यमंत्रणा समिति में तय की जाती है। उसमें सत्ता और विपक्ष के सभी प्रतिनिधि होते हैं। विपक्ष जानबूझ कर हंगामे की स्थिति पैदा करता है जिससे उसे सदन में न रहना पड़े। सरकार हर विषय पर हर वक्त चर्चा के लिए तैयार है। बीते रोज देर रात 10.20 बजे तक भी सत्र संचालित हुआ।आज आपदा जैसे अहम विषय पर सरकार अब तक की वस्तुस्थिति रखने आई, विपक्ष ने पहले हंगामा करते हुए व्यवधान किया और चला गया। अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष को सरकार पर झूठे आरोप लगाने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए।