मंडले (म्यांमार)/बैंकॉक (थाईलैंड), शुक्रवार : म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में म्यांमार में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि थाईलैंड में तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। भूकंप के झटकों के कारण पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई, खासकर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में, जहां हजारों लोग इमारतों से बाहर भाग निकले। प्रशासन ने बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है।
भूकंप का केंद्र और नुकसान
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडले से लगभग 17.2 किमी दूर था और इसकी गहराई 10 किमी मापी गई। भूकंप के चलते म्यांमार की सैन्य सरकार ने कई इलाकों में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
थाई रक्षा मंत्री के अनुसार, बैंकॉक में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत गिरने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं, म्यांमार के मंडले में भी कई इमारतें ढहने की खबरें हैं, हालांकि वहां हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
भूकंप के दौरान बैंकॉक और मंडले में भयावह दृश्य देखने को मिले। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बैंकॉक में ऊंची इमारतें मिनटों तक झूलती रहीं, जिससे हजारों लोगों को इमारतों से बाहर निकलना पड़ा। होटल की ऊपरी मंजिल पर स्थित एक स्विमिंग पूल का पानी बाहर बहने लगा। कई लोग घबराकर रोने लगे, जबकि कुछ सन्न रह गए।
म्यांमार के मंडले से आई सोशल मीडिया पोस्ट में सड़कों पर गिरी इमारतों और मलबे के दृश्य सामने आए हैं।
भारत सहित अन्य देशों में झटके महसूस किए गए
भूकंप के झटके भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, बांग्लादेश और चीन तक महसूस किए गए, हालांकि वहां किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।
बचाव कार्य जारी
बचाव दल तेजी से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। थाईलैंड और म्यांमार के अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने और आफ्टरशॉक्स की आशंका के कारण ऊंची इमारतों से दूर रहने की अपील की है।
(संवाददाता के साथ इनपुट एजेंसियों से)