देहरादून। उत्तराखंड के युवाओं को सरकारी नौकरी में पारदर्शी अवसर देने के संकल्प को और मजबूत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 112 नवनियुक्त परिवहन आरक्षियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकारी नौकरी केवल रोजगार नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व भी है।” उन्होंने सभी नवचयनित युवाओं को उनके परिश्रम और समर्पण के लिए शुभकामनाएं दीं, साथ ही उनके परिवारजनों के सहयोग और त्याग को भी इस सफलता का हिस्सा बताया।
जनता का काम ऑटो मोड पर हो
सीएम धामी ने नवनियुक्त आरक्षियों को नसीहत दी कि वे कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और आमजन से संवाद की भावना के साथ काम करें। उन्होंने दोहराया कि सरकार चाहती है कि जनता के काम “ऑटो मोड” पर हों—बिना भटकाव, बिना बाधा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की कार्य संस्कृति को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नम्बर 1064 पर भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की प्रभावी सुनवाई हो रही है। पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट कर्मचारी जेल भेजे जा चुके हैं।
नया माइलस्टोन: ‘उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025’ लागू
कार्यक्रम में सीएम धामी ने राज्य में “नई उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025” के लागू होने की घोषणा भी की। इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को 50% तक कम करना है। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर चारधाम यात्रा मार्ग पर 2 प्रचार वाहनों को रवाना किया गया है, जो आमजन में जागरूकता फैलाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी धामी सरकार की पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी भर्ती और पदोन्नति प्रणाली ने युवाओं में प्रणाली पर भरोसा लौटाया है। नकल माफियाओं पर नकेल कसते हुए राज्य सरकार ने देश का सबसे सख्त “नकल विरोधी कानून” लागू किया है। इसी पारदर्शिता का परिणाम है कि बीते 3 वर्षों में 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।
पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना
सीएम धामी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि “भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का जो दाग भर्ती प्रक्रिया पर था, उसे हमने मिटाया है।” आज युवाओं को मेहनत और काबिलियत के दम पर अवसर मिल रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में सरकारी नौकरियां अब केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और सेवा का माध्यम बन रही हैं। युवाओं में भरोसा, व्यवस्था में पारदर्शिता और सख्त प्रशासनिक निर्णय ही इस नई उत्तराखंड की पहचान बनते जा रहे हैं।