मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में 118वें अखिल भारतीय किसान मेले का उद्घाटन किया, जिसमें 400 से अधिक स्टॉल और 200 से ज्यादा स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया। उन्होंने नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का विमोचन किया। मेले को किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण मंच बताते हुए, उन्होंने आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों से खेती को अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने किसानों दी जाने वाली सुविधाओं का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की किसान कल्याण योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, और किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख तक बढ़ाना शामिल हैं। उत्तराखंड में किसानों को 3 लाख तक ब्याजमुक्त ऋण, 80% सब्सिडी पर कृषि उपकरण, मुफ्त नहर सिंचाई, 200 करोड़ के पॉलीहाउस प्रावधान, गेहूं पर 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस, और गन्ना मूल्य में 20 रुपये की वृद्धि जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा, 1000 करोड़ की लागत से “उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट” और सेब, कीवी, मिलेट, ड्रैगन फ्रूट नीतियों के तहत 80% सब्सिडी की योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण का माध्यम बताया। साथ ही, नकल विरोधी कानून और पारंपरिक कृषि पर शोध को बढ़ावा देने की अपील की। कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय की प्रगति और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में 26% वृद्धि का उल्लेख किया। मेले में 507 स्टॉल और 20,000 से अधिक किसानों की भागीदारी रही।
कार्यक्रम में विधायक, पूर्व विधायक, और जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।