
प्रवर्तन निदेशालय (ED) देहरादून ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत ब्रिज बिहारी शर्मा एवं अन्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लगभग 1.75 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है।
यह कार्रवाई देहरादून स्थित सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC), वन संरक्षण अधिनियम, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ईडी की जांच में सामने आया है कि तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) किशनचंद ने पाखरो रेंज के तत्कालीन फॉरेस्ट रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा और अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों/ठेकेदारों की मिलीभगत से कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में कई अवैध निर्माण कराए। यह सब बिना किसी सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अपराध की आय (Proceeds of Crime) से अर्जित धन को राजलक्ष्मी शर्मा (पत्नी ब्रिज बिहारी शर्मा) और अभिषेक कुमार सिंह एवं युगेंद्र कुमार सिंह (पुत्रगण किशनचंद) के नाम से संपत्ति खरीदने में लगाया गया।
इन संपत्तियों को अटैच करने के लिए प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर (PAO) जारी किया गया है, जिनकी कीमत लगभग 1.75 करोड़ रुपये है। इसमें उत्तराखंड के हरिद्वार जिले और उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित प्लॉट शामिल हैं।
मामले में आगे की जांच जारी है।
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