- उत्तराखंड में रोपवे परियोजनाओं को मिल रही रफ्तार
- केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे को केंद्र की मंजूरी, 49 प्रस्ताव भारत सरकार के पास
देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़े स्तर पर रोपवे नेटवर्क तैयार करने जा रही है। केंद्र सरकार ने हाल ही में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह रोपवे 6811 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। वहीं, राज्य सरकार ने पर्वतमाला योजना के तहत कुल 49 रोपवे परियोजनाओं का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। यदि सभी प्रस्तावों को स्वीकृति मिलती है, तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड का परिवहन तंत्र पूरी तरह बदल सकता है।
केदारनाथ रोपवे पर काम जल्द
केदारनाथ धाम तक सुगम यात्रा के लिए सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस 13 किमी लंबे रोपवे को दो चरणों में बनाया जाएगा—पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ (9.7 किमी) और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड (3.3 किमी) तक निर्माण होगा। निविदा प्रक्रिया 19 मार्च तक पूरी होने की उम्मीद है, जिसके बाद अक्टूबर 2025 से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
तीसरा रोपवे काठगोदाम-हनुमानगढ़ी के लिए
पर्यटन विभाग ने तीसरी बड़ी परियोजना काठगोदाम बस स्टैंड से हनुमानगढ़ी मंदिर रोपवे के लिए भी दोबारा निविदा आमंत्रित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, वर्तमान में देहरादून-मसूरी, जानकीचट्टी-यमुनोत्री और तुलीगढ़-पूर्णागिरी रोपवे परियोजनाओं पर कार्य जारी है ।
46 अन्य रोपवे प्रस्ताव भी लंबित
उत्तराखंड सरकार ने पर्वतमाला योजना के तहत 49 रोपवे प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे थे, जिनमें से दो को स्वीकृति मिल चुकी है। अन्य 46 परियोजनाओं के लिए शुरुआती प्रक्रियाएं चल रही हैं।
पर्यटन विभाग के निदेशक (अवसंरचना) ले. कमांडर दीपक खंडूरी ने बताया कि इन प्रस्तावों पर केंद्रीय एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के तहत काम किया जा रहा है। एनएचएलएमएल ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए निविदाएं जारी कर दी हैं।
प्री-फिजिबिलिटी स्टडी चल रही
पांच रोपवे परियोजनाओं की प्री-फिजिबिलिटी स्टडी पूरी हो चुकी है:
1. संकरी-केदारनाथ बेस कैंप (4.67 किमी)
2. तपोवन/ऋषिकेश-नरेंद्रनगर-कुंजापुरी मंदिर (9.0 किमी)
3. मसूरी-केम्पटी फॉल्स (3.85 किमी)
4. रानीखेत-चौभटिया (4.0 किमी)
5. कसरदेवी-अल्मोड़ा (2.76 किमी)
इसके अलावा, 36 अन्य रोपवे परियोजनाओं की प्री-फिजिबिलिटी स्टडी शुरू की जानी है, जिनमें खुरपा ताल-गरुड़ताल, चोपता-तुंगनाथ, ऋषिकेश-लक्ष्मण झूला, अल्मोड़ा-द्वाराहाट, हर्षिल-लामाटीकरी आदि प्रमुख हैं।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार की इस पहल से राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस राज्य में रोपवे का विस्तार यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुगम बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। यदि सभी 49 परियोजनाएं धरातल पर उतरती हैं, तो उत्तराखंड का रोपवे नेटवर्क पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है।