उत्तराखंड में 25 अक्टूबर तक संपन्न करा लिए जाएंगे निकाय चुनाव, उत्‍तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट में दिया जवाब

राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि 25 अक्टूबर तक चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति भी अगस्त अंत या सितंबर पहले सप्ताह तक कर ली जाएगी।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में जसपुर के मोहम्मद अनवर व अन्य की जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई हुई। इस दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से पूर्व में प्रार्थना पत्र दाखिल कर चुनाव के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था।

दस जुलाई को राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पूरा हो गया

शहरी विकास निदेशक व अपर सचिव नितिन भदौरिया ने कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जानकारी दी कि इस माह के अंत या सितंबर पहले सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर दी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दस जुलाई को राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कार्यकाल पूरा हो गया है।कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तिथि छह सितंबर नियत कर दी।  कोर्ट ने पूछा चुनाव के लिए क्या प्लान पेश किया हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा कि पूर्व के आदेश पर निकाय चुनाव कराने के लिए क्या प्लान पेश किया? पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यह बताने को कहा था कि कब तक राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करेंगे और निकाय चुनाव कब तक संपन्न हो जाएंगे।

सरकार 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कराने को तैयार

इस पर महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया था कि राज्य में तय समय के भीतर निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव की वजह से नहीं हो पाए। क्योंकि राज्य का प्रशासन लोकसभा चुनाव कराने में व्यस्त था। उसके बाद मानसूनी वर्षा शुरू हो गई और आधा प्रशासन आपदा प्रबंधन तैयारियों में व्यस्त रहा। ऐसी परिस्थिति में राज्य निकाय चुनाव कराने में सक्षम नहीं था। राज्य अभी भी आपदा की मार झेल रहा है।अब सरकार 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कराने को तैयार है।  अब सरकार घोषित कर रही नए निगम व पंचायतें राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि स्थानीय निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया है। सरकार ने निकायों के संचालन को छह माह के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिए। जून 2024 में प्रशासकों का छह माह का कार्यकाल भी समाप्त हो गया।

राज्य सरकार ने चुनाव कराने के बजाय प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया। अब सरकार ने निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के आठ माह बीत जाने के बाद कई नगर निगम व नगर पंचायतों की घोषणा कर दी है। जो राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत व स्थानीय निकाय के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। जबकि यह प्रक्रिया दिसंबर 2023 से भी छह माह पहले की जानी थी।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत निकायों के कार्यकाल समाप्त होने के छह माह पहले परिसीमन, आरक्षण व अन्य की जांच पूरी कर लेनी चाहिए थी, जो नहीं की गई। दो बार राज्य सरकार पहले चुनाव कराने का बयान दे चुकी है। बार-बार इस तरह के कोर्ट में बयान देने के बाद भी निकाय चुनाव नहीं हुए तो यह राज्य का दुर्भाग्य होगा।

यह थी जनहित यााचिका जसपुर निवासी मोहम्मद अनवर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया है लेकिन कार्यकाल पूरा होने के आठ माह बाद भी सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। उल्टा निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया। प्रशासक नियुक्त होने से आमजन को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।प्रशासक तब नियुक्त किया जाता है, जब कोई निकाय भंग किया जाता है। उस स्थिति में भी सरकार को छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित तक नहीं किया। न ही सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन किया। इसलिए सरकार को फिर से निकायों के चुनाव कराने के निर्देश दिए जाएं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ही कर सकते हैं मतदाता सूची जारी

सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से यह भी बताया गया कि संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल ने सचिव पंचायती राज को 17 अगस्त को पत्र लिखा था। जिसमें याद दिलाया था कि नगर पंचायत नंदानगर घाट, चमोली, नगर पंचायत गुप्तकाशी, नगरपालिका खटीमा के वार्डों के परिसीमन की अंतिम अधिसूचना व नगरपंचायत मुनस्यारी के वार्डों के परिसीमन की अनंतिम व अंतिम अधिसूचना प्रेषित कर नवगठित शहरी निकायों में निर्वाचन नामावली तैयार किए जाने को आयोग से अपेक्षा की गई है।

नगर निगम देहरादून के वार्डों के परिसीमन की अनंतिम अधिसूचना प्रेषित की गई। नगर निगम दून की निर्वाचन के लिए निर्वाचन नामावली तैयार करने की कार्रवाई की जानी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कार्यकाल दस जुलाई को पूरा हो गया है। बिना राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के निर्वाचक नामावली तैयार करने की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती।संविधान के अनुच्छेद-243 य के अनुसार पंचायत व नगर निकायों में निर्वाचक नामावली तैयार करने व निर्वाचन के संचारण का अधीक्षण, निर्देशन व नियंत्रण का अधिकार राज्य निर्वाचन आयुक्त में निहित है। ऐसे में जल्द राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की जाए। आयोग ने इससे पहले पांच जून 2024 को नगरपालिका नरेंद्र नगर, नगर पंचायत कीर्तिनगर, नगरपालिका रुद्रप्रयाग, पालिका हरबर्टपुर की निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी किया था।

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