वीरता, गर्व और तिरंगे का अनोखा संगम, जिसने देहरादून को बना दिया राष्ट्रप्रेम का जीवंत प्रतीक
देहरादून। बुधवार को देहरादून की सड़कों पर कुछ अलग ही नज़ारा था। एक ओर तिरंगा लहराता हुआ, दूसरी ओर देशभक्ति की लहर दौड़ती हुई। शौर्य, सम्मान और राष्ट्रगौरव के प्रतीक “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” ने राजधानी की फिज़ा को जोश और जज़्बे से भर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चीड़बाग शौर्य स्थल से गांधी पार्क तक निकली यह ऐतिहासिक पदयात्रा, भारतीय सशस्त्र बलों की हालिया विजय “ऑपरेशन सिंदूर” को समर्पित रही।
हजारों की भीड़, हर हाथ में तिरंगा, हर दिल में देश का नाम—यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि भारत की नई आत्मनिर्भर और निर्णायक छवि का उत्सव था। मुख्यमंत्री ने शौर्य स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और “ऑपरेशन सिंदूर” में भाग लेने वाले वीर सैनिकों को नमन करते हुए कहा,
“नया भारत अब चुप नहीं रहता, अब हर आतंकी साजिश का जवाब उसी की भाषा में देता है। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।”
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को भी सराहा और कहा कि अब देश की सीमाएं अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से सुरक्षित हैं। उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं से सेना के अनुशासन और राष्ट्रसेवा से प्रेरणा लेकर देश के भविष्य निर्माण में भागीदारी का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने यह प्रस्ताव भी रखा कि “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” को हर साल मनाया जाए, ताकि शौर्य और बलिदान की ये गाथाएं हर पीढ़ी तक पहुंचें।
इस भावनात्मक और जोशीले आयोजन में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, मेयर सौरभ थपलियाल समेत कई विधायक, पदाधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
डिजिटल स्पिरिट:
सोशल मीडिया पर भी इस यात्रा की गूंज सुनाई दी। #तिरंगा_शौर्य_यात्रा और #OperationSindoor जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे। लोगों ने तस्वीरें, वीडियो और पोस्ट के ज़रिए अपनी भावनाएं साझा कीं और एक सुर में कहा — “भारत अब बदल चुका है, अब हर हाथ में तिरंगा और हर दिल में फौज के लिए सम्मान है।”
ये सिर्फ एक पदयात्रा नहीं थी — ये एक संदेश था। एक नई चेतना, जो हर भारतीय को उसके वीर इतिहास की याद दिलाती है और उसके गौरवशाली भविष्य की ओर प्रेरित करती है।