13 राजनीतिक दल, समाज संगठन के. कविता के नेतृत्व में महिला आरक्षण विधेयक के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में बीआरएस पार्टी, जेएमएम, डीएमके, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, शिवसेना, आप, आरएलडी, आरएसपी (केरल), सीपीएम, वीसीके पार्टी, आजाद समाज पार्टी, किसान यूनियन नेताओं, महिला संगठनों और छात्रों ने भाग लिया।
कई नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक पर बात की। राज्यसभा सांसद, प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि जब भारतीय संविधान के निर्माता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि महिलाओं को वोट देने का समान अधिकार दिया गया है, तो सत्ता में रहने वाली सरकार विधायी मामलों में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक क्यों नहीं पेश कर सकती है। उन्होंने विधायी प्रवचन में अधिक महिलाओं से उसी की मांग शुरू करने का अनुरोध किया।
राजद नेता और सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने कहा कि, हम बिल के समर्थन में खड़े हैं। हमें आरक्षण के भीतर आरक्षण की तलाश करनी चाहिए, हमारे पास एक ऐसी रणनीति होनी चाहिए जिससे संसद के साथ-साथ बाहर भी मुद्दे उठाए जाएं, जन आंदोलन हो।
भाकपा सांसद और वरिष्ठ नेता विनय बिस्वम ने कहा, पितृसत्तात्मकप्रवृत्तियां महिला आरक्षण विधेयक के आड़े आ रही हैं। 21वीं सदी के इस चरण में महिलाओं के अधिकारों को जन्म देने के मामले में और यहां तक कि संसद में सम्मान के मामले में भी नकारा जाता है। हम के. कविता की इस पहल को एक आंदोलन के रूप में देखते हैं।
--आईएएनएस
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