संसद भवन के लोकार्पण पर छत्तीसगढ़ में ट्विटर वार

संसद भवन के लोकार्पण पर छत्तीसगढ़ में ट्विटर वार
रायपुर, 22 मई (आईएएनएस)। संसद के नए भवन के लोकार्पण से पहले छत्तीसगढ़ में ट्विटर वार तेज हो गया है, दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एक-दूसरे पर खुलकर हमले बोल रहे हैं।

भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए नंदकुमार साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 28 मई को नए संसद भवन का लोकार्पण होना है, संसद भवन देश का संवैधानिक भवन है, इसलिए इस भवन का लोकार्पण देश के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति से कराएं। आप स्वयं लोकार्पण करने का लोभ संवरण करें।

कांग्रेस नेता के इस पत्र के बाद से राज्य में सियासी वार-पलट वार हो रहे हैं। भूपेश बघेल ने डॉ. रमन सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, स्मृति मनुष्य के जीवन संचालन का आवश्यक अवयव है, यदि इसमें कमी आने लगे तो योग और प्राणायाम की शरण में तुरंत चले जाना चाहिए, नकारात्मकता और कुंठा से दूर हो जाना चाहिए रमन सिंह जी।

उन्होंने आगे लिखा, लोकतंत्र के लिए गौरव का विषय है कि दलित समुदाय से आने वाले आदरणीय के.आर. नारायणन देश के राष्ट्रपति रहे और मीरा कुमार लोकसभा की अध्यक्ष रहीं। आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू हमारी संवैधानिक अभिभावक हैं। उनके हाथों लोकतंत्र की पंचायत का उद्घाटन होना आदिवासी समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का पल होगा। मेरा अनुरोध है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में आप भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह करें। ऐसा करने से हो सकता है कि आपको छत्तीसगढ़ के वे आदिवासी भी माफ कर दें, जिन्हें आपके शासन में नक्सली बताकर जेल में डाला गया था, जिन बच्चों को नक्सली बताकर गोली मार दी गई थी।

डॉ. रमन सिंह ने कहा, केंद्र में कई दशकों तक कांग्रेस सत्ता में थी, तब किसी आदिवासी समाज के व्यक्ति को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का दायित्व प्राप्त नहीं हुआ। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश समानता और अंत्योदय के पथ पर अग्रसर है, तब कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ उठ रही है।

उनके ट्वीट के बाद फिर बघेल ने कहा, बिल्कुल ठीक कहा है, भाजपा आदिवासियों का अपमान करती है, यह जग जाहिर है। विश्व आदिवासी दिवस के दिन इन्होंने छत्तीसगढ़ भाजपा के आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को हटाया था। फिर भाजपा के सर्वोच्च आदिवासी नेता नंद कुमार साय का अपमान किया। महामहिम आदिवासी वर्ग से आती हैं, प्रथम नागरिक हैं वह देश की, देश के लिए यह गौरव का पल होगा। क्या प्रधानमंत्री जी ऐसा करने देंगे?

--आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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