कांग्रेस से निष्कासित युवा नेता शांतनु बंदोपाध्याय को डब्ल्यूबीएसईडीसीएल ने किया निलंबित

डब्ल्यूबीएसईडीसीएल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उन्हें निलंबित करने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
इससे पहले, बंदोपाध्याय को ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने के कई दिन बीत जाने के बावजूद, उनके निलंबन के बारे में कोई संकेत नहीं मिला था।
आईएएनएस ने मंगलवार को कहा था कि यह पश्चिम बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) के कर्मचारी सेवा विनियम के अध्याय-4 (आचरण, शिष्य, दंड और अपील) का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी पुलिस या न्यायिक हिरासत में 48 घंटे या उससे अधिक के लिए जाता है, तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा।
बंदोपाध्याय राज्य द्वारा संचालित बिजली वितरण उपयोगिता के साथ वरिष्ठ तकनीकी सहायता के रूप में कार्यरत थे। उन्हें अनुकंपा के आधार पर नौकरी तब मिली जब उनके पिता, जो राज्य द्वारा संचालित बिजली उपयोगिता के हेड-क्लर्क थे, की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो गई। हालांकि, बंदोपाध्याय ने अपना स्नातक पूरा नहीं किया था, इसलिए उन्हें वरिष्ठ तकनीकी सहायता हाथ के निचले पद की पेशकश की गई थी।
ईडी अधिकारियों को परेशान करने वाला सवाल यह है कि 2,00,000 रुपए और 6,00,000 रुपए के वार्षिक पे-बैंड के साथ एक गैर-स्नातक और सिर्फ एक वरिष्ठ तकनीकी सहायक बंदोपाध्याय करोड़ों रुपए की संपत्ति और संपत्ति के मालिक कैसे हो सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार दोपहर को ही बंदोपाध्याय को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की थी।
--आईएएनएस
एचएमए/एएनएम