महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने वाला है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। इसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम) में पवित्र स्नान करने आते हैं। महाकुंभ हर 12 वर्षों में होता है, जबकि हर 6 वर्षों में अर्धकुंभ मनाया जाता है।
महाकुंभ 2025 की प्रमुख विशेषताएं:
1.पवित्र स्नान: कुंभ के दौरान सबसे महत्वपूर्ण क्रियाओं में से एक संगम में स्नान करना है। इसे मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का मार्ग माना जाता है।
2.संतों और साधुओं की उपस्थिति: देशभर से साधु-संत महाकुंभ में भाग लेते हैं। अखाड़ों के प्रमुख साधुओं की पेशवाई (शोभायात्रा) महाकुंभ का मुख्य आकर्षण होती है।
3.विशेष धार्मिक अनुष्ठान: धार्मिक प्रवचन, यज्ञ और अन्य अनुष्ठान महाकुंभ के दौरान होते हैं, जहां प्रमुख साधु-संत अपने अनुयायियों के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
4.सरकारी इंतजाम: इस बार प्रयागराज में सरकार की तरफ से बड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जैसे सफाई, शुद्ध पानी, मेडिकल सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
5.पर्यटन का बढ़ावा: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज को पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा, ताकि देश-विदेश के लोग इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को समझ सकें।
महत्वपूर्ण स्नान की तिथियां (Mahakumbh 2025 Bathing Dates):
1.मकर संक्रांति (प्रारंभिक स्नान): 14 जनवरी 2025
2.पौष पूर्णिमा स्नान: 20 जनवरी 2025
3.मौनी अमावस्या (मुख्य स्नान): 29 जनवरी 2025
4.बसंत पंचमी स्नान: 3 फरवरी 2025
5.माघी पूर्णिमा स्नान: 17 फरवरी 2025
6.महाशिवरात्रि स्नान: 26 फरवरी 2025
यह स्नान की तिथियां श्रद्धालुओं के लिए विशेष मानी जाती हैं, और इन दिनों संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है। महाकुंभ का आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इस दौरान पूरे प्रयागराज में एक धार्मिक माहौल रहता है।