देहरादून के 90 साल पुराने St. Joseph School स्कूल से वापस नहीं ली जाएगी जमीन,मुख्य सचिव ने दिए लीज नवीनीकरण के निर्देश

  • सेंट जोजफ्स एकेडमी को सीएम की राहत, लेकिन स्कूल के भीतर करानी होगी पार्किंग

धामी सरकार ने देहरादून के नामी सेंट जोसेफ स्कूल से जमीन वापस लेने के फैसले पर 24 घंटे के भीतर ही यू-टर्न ले लिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बुधवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सेंट जोसेफ एकेडमी, देहरादून के भूमि और पार्किंग मामले पर सचिव आवास, जिलाधिकारी और एसएसपी देहरादून सहित एमडीडीए के साथ सचिवालय में बैठक की.

बैठक में निर्णय लिया गया है कि सेंट जोसेफ एकेडमी से भूमि वापस नहीं ली जाएगी. साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आवास विभाग को सेंट जोसेफ एकेडमी के लीज नवीनीकरण (रिन्यूअल) पर नियमानुसार कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं.

बैठक में निर्णय लिया गया है कि सेंट जोसेफ एकेडमी से भूमि वापस नहीं ली जाएगी ।इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि सेंट जोसेफ अकादमी द्वारा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था विद्यालय परिसर के भीतर ही की जाएगी, ताकि मुख्य सड़क पर आमजन को ट्रैफिक की समस्या का सामना ना करना पड़े 

साल 1934 में स्थापित सेंट जोसेफ एकेडमी को सरकार ने 86 बीघा नजूल भूमि 90 साल की लीज पर आवंटित की थी. जिसमें 66 बीघा जमीन पर स्कूल बिल्डिंग और अन्य भवन का निर्माण हो गया है. जबकि करीब 20 बीघा भूमि स्कूल परिसर में खाली पड़ी है. आवंटित भूमि की लीज जनवरी 2024 में खत्म हो गई है

वही, इससे पहले स्कूल प्रशासन तक सकते में आ गया था, जब मंगलवार को जिला प्रशासन की संयुक्त टीम स्कूल परिसर में जमीन नापने पहुंची। यह कार्रवाई सचिव आवास डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के 18 सितंबर के आदेश के क्रम में की गई।

जिसमें भविष्य में सचिवालय के विस्तार/जरूरत और यातायात व्यवस्था के लिए सेंट जोजफ्स एकेडमी (SJA) के कब्जे वाली नजूल भूमि पर पार्किंग व्यवस्था विकसित किए जाने का जिक्र था। ताकि, सड़क पर वाहनों को पार्क करने की प्रवृत्ति को कुछ कम किया जा सके।

व्यापक जनहित में पार्किंग व्यवस्था के लिए जनवरी 2024 में समाप्त हुई सेंट जोजफ्स की लीज अवधि को रिन्यू भी नहीं किया गया था। स्कूल के पास करीब 20 से 21 बीघा नजूल भूमि है। इससे पहले भी वर्ष 2012-13 में ग्लोब चौक के चौड़ीकरण के लिए स्कूल से 3312 वर्गमीटर भूमि वापस लेने की कवायद की गई थी। तब भी सरकारी मशीनरी का यह प्रयास सफल नहीं हो पाया था। इस बार भी कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई है। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि सरकार से मिली इतनी बड़ी राहत के बाद भी क्या स्कूल के भीतर पार्किंग संभव हो पाती है।

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