
📍 देहरादून | डिजिटल डेस्क
- सैन्य धाम से लेकर सरकारी नौकरी तक, सम्मान और संवेदना के साथ पूर्व सैनिकों के साथ खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने बीते चार वर्षों में सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक और मानवीय फैसले लिए हैं।
प्रदेश में न सिर्फ शहीदों को श्रद्धांजलि देने के प्रतीक रूप में देहरादून में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया गया है, बल्कि शहीद परिजनों को सरकारी नौकरी, आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा देने में भी उत्तराखंड अन्य राज्यों के लिए मिसाल बना है।
देहरादून में अंतिम चरण में सैन्य धाम निर्माण
शौर्य और बलिदान की भावना को अमर बनाने के लिए राजधानी देहरादून में सैन्य धाम (शौर्य स्थल) का निर्माण किया जा रहा है। इस स्थल में प्रदेश की 28 पवित्र नदियों का जल और शहीद सैनिकों के घरों से लाई गई मिट्टी को शामिल किया गया है, जो इस स्मारक को आध्यात्मिक और राष्ट्रीय गौरव से जोड़ता है।
शहीद परिजनों को ₹50 लाख तक की सहायता, एक परिजन को सरकारी नौकरी
- प्रदेश सरकार ने शहीदों की अनुग्रह राशि को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया है।
- परमवीर चक्र विजेताओं को अब ₹1.5 करोड़ की सहायता दी जा रही है।
- वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों की वार्षिक और एकमुश्त राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।
- अब तक 37 शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।
- नौकरी के लिए आवेदन की समयसीमा 2 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दी गई है।
पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं के लिए विशेष योजनाएं
- बदरीनाथ धाम की निःशुल्क यात्रा की सुविधा 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को दी जा रही है।
- ड्रोन दीदी योजना के तहत वीरांगनाओं और शहीदों की पुत्रियों को ड्रोन ऑपरेशन का रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
- पूर्व सैनिकों को ₹25 लाख तक की संपत्ति खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में 25% छूट दी जा रही है।
- वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को उत्तराखंड रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिल रही है।
- पुत्री विवाह अनुदान योजना और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
अग्निवीरों को भी मिलेगा अवसर
राज्य सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को 10% क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा की है।
➡️ यह आरक्षण पुलिस, परिवहन, वन और अन्य सरकारी विभागों की भर्तियों में दिया जाएगा।
➡️ संबंधित प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के सामने लाया जाएगा।
स्थायी स्मृति के लिए बन रहे शहीद स्मारक और नामकरण
प्रदेश भर में शहीद स्मारकों का निर्माण, शहीदों के नाम पर स्कूल और सड़कों का नामकरण, तथा सैनिक मिलन केंद्र, विश्राम गृह और सीएसडी कैंटीनों का निर्माण किया जा रहा है।
- खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र और कैंटीन
- टनकपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त सैनिक विश्राम गृह तैयार किया जा रहा है।