इजरायल-हमास के बीच संघर्षविराम समझौता, बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदी होंगे आज़ाद

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर हुआ ऐतिहासिक समझौता — दोनों पक्षों के बीच मिस्र के शर्म-अल-शेख में अप्रत्यक्ष बातचीत के बाद हुआ करार।

यरुशलम / काहिरा। मध्य पूर्व में चल रहे लंबे संघर्ष को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी प्रगति हुई है। इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास ने गुरुवार को संघर्षविराम (ceasefire) और बंधकों की रिहाई को लेकर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर हुआ है, जो गाज़ा युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के पहले चरण के रूप में देखा जा रहा है। दोनों पक्षों ने मिस्र के समुद्र तटीय शहर शर्म-अल-शेख में हुई अप्रत्यक्ष बातचीत के बाद इस करार पर हस्ताक्षर किए।

समझौते की घोषणा के बाद इजरायल और फिलिस्तीन, दोनों इलाकों में लोगों ने सड़कों पर निकलकर जश्न मनाया।

🔹 समझौते की प्रमुख बातें:

  • संघर्षविराम लागू: इजरायल और हमास के बीच लड़ाई अब रुक जाएगी।
  • सेना की वापसी: इजरायली सेना गाज़ा के कुछ हिस्सों से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेगी।
  • बंधकों की रिहाई: हमास, 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान पकड़े गए 20 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा।
  • कैदियों की अदला-बदली: इसके बदले इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। हालांकि, इस सूची में वरिष्ठ नेता मरवान बरघूती का नाम शामिल नहीं है।

🔹 कब से लागू होगा संघर्षविराम:

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि संघर्षविराम समझौता उनकी कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिलने के बाद लागू होगा।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रक्रिया 24 घंटे के भीतर पूरी हो जाएगी और इसके बाद 72 घंटे के अंदर सभी बंधकों की रिहाई की जाएगी।

यह समझौता गाज़ा में जारी हिंसा को थामने की दिशा में सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस कदम का स्वागत किया है, उम्मीद जताई जा रही है कि यह कदम स्थायी शांति की ओर मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

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