- योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में 19 नवंबर से शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी
पांडुकेश्वर/ जोशीमठ। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बीते कल रविवार 17 नवंबर रात्रि को शीतकाल हेतु बंद होने के बाद आज सोमवार प्रात: सेना के बैंड के भक्तिमय धुनों तथा बदरी विशाल के उदघोष के साथ श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी आज दोपहर बाद बदरीनाथ से योग बदरी पांडुकेश्वर मंदिर पहुंच गयी है देव डोलियों का स्थान -स्थान पर भब्य स्वागत हुआ।
ज्ञातब्य उद्धव जी एवं कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा आज 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद कल 19 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी रावल धर्माधिकारी वेदपाठी सहित श्री नृसिह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेंगे।
आज प्रात: दस बजे श्री बदरीनाथ धाम से श्री उद्धव जी,श्री कुबेर जी आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी को बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल भी मौजूद रहे।
देव डोलियों के साथ रावल अमरनाथ नंबूदरी, स्वामी मुकुंदानंद महाराज,सहित बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर, पंवार,धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान वेदपाठी रविंद्र भट्ट, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी , एड.प्रकाश भंडारी, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, स्वामी आत्मानंद,मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, पूर्व दफेदार कृपाल सनवाल प्रभारी दफेदार कुलानंद पंत, विकास सनवाल सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्री योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे।
श्री बदरीनाथ धाम से देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचने पर हनुमान चट्टी, लामबगड़, पांडुकेश्वर बाजार में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने देव डोलियों के दर्शन किये पुष्प वर्षा से स्वागत किया।