मसूरी । पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण विधानसभा सत्र में 500 करोड़ में धामी सरकार गिराने की साजिश सम्बन्धी बयान देने वाले निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को कठघरे में खड़ा करते हुए स्पीकर व सरकार से जरूरी कदम उठाने को भी कहा।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस मुद्दे पर पूर्व सीएम निशंक के बयान का भी स्वागत किया। मसूरी में आहूत प्रेस वार्ता में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सरकार गिराने सरीखे बयान देकर उत्तराखंड का मखौल उड़ाया है। यह गंभीर मामला है।
70 विधायकों ने चुप्पी क्यों साध ली। इसे लेकर जनता सवाल पूछ रही है। विधानसभा अध्यक्ष को भी को जांच करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि किसी भी विधायक ने न सदन के अंदर न बाहर इसका कोई खंडन नहीं किया। यह संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है।
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— Avnish Premi (@AvnishPremi) August 29, 2024
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए, मैं भी इसका पूर्ण समर्थन करता हूं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी भी विधायक ने न सदन के अंदर न बाहर, इसका कोई खंडन नहीं किया, न ही सरकार ने इसका खंडन किया। जिससे प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति अविश्वास पैदा होने की आशंका है।
हालांकि जिस विधायक ने यह कहा है, वह न तो विश्वसनीय है, न ही अनुभवी है और न ही उन्हें उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना देना है। लेकिन विधानसभा में सवाल उठाया गया है जो सदन की कार्रवाई का हिस्सा बना है, ऐसे में उनसे प्रश्न किए जाने चाहिए, उन्होंने उत्तराखंड के विश्वास को खंडित करने का कार्य किया।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल-
त्रिवेंद्र रावत ने प्रदेश की इंटेलिजेंस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार इंटेलिजेंस क्या कर रहा है? उन्होंने माना कि उत्तराखंड में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और पुलिस सही तरीके से अपना कार्य नहीं कर रही है। पुलिस को अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए।
पुलिस को निष्पक्ष भाव से काम करना चाहिए। अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि अपराधी पुलिस की पकड़ में तो आ रहे हैं लेकिन अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं है। पड़ोसी प्रदेश (यूपी) में अपराधियों, असामाजिक तत्वों और गुंडों को ‘कुचला’ जा रहा है. उत्तराखंड में भी अपराधियों में पुलिस का खौफ होना चाहिए।
हरिद्वार सांसद ने कहा, देखा जा रहा है कि पड़ोसी राज्यों से अपराधी उत्तराखंड का रूख कर रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस का अपराधियों और असामाजिक तत्वों में इतना खौफ होना चाहिए कि उत्तराखंड में घुस ही ना सके।