दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह आत्मघाती हमला नहीं था, बल्कि संदिग्ध ने घबराहट में विस्फोट कर दिया। इस धमाके में करीब 12 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद पूरे दिल्ली-एनसीआर में हाई अलर्ट जारी किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, बम समय से पहले फट गया था और वह पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था। यही वजह रही कि विस्फोट की तीव्रता सीमित रही।
जांच में यह भी पता चला कि विस्फोट से कोई गड्ढा नहीं बना और छर्रे भी बरामद नहीं हुए। घटना के समय वाहन गतिमान था और उसमें लगे आईईडी (Improvised Explosive Device) में भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता नहीं थी।

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे। इन कार्रवाइयों के बाद संदिग्ध पर दबाव बढ़ गया था, जिसके चलते उसने जल्दबाज़ी में ब्लास्ट किया।
महत्वपूर्ण बात यह है कि संदिग्ध ने आत्मघाती हमले की सामान्य प्रक्रिया का पालन नहीं किया — उसने कार को किसी लक्ष्य से नहीं टकराया और न ही जानबूझकर किसी स्थान पर भिड़ंत की।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि एक बड़ा हमला टल गया, जिसका श्रेय “पैन-इंडिया अलर्टनेस और संदिग्ध मॉड्यूल पर समन्वित कार्रवाई” को दिया जा रहा है।
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