उत्तराखंड भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम को मीडिया के खिलाफ गृह सचिव को चिट्ठी लिखने के बजाय आरोपों पर जांच में सहयोग कर जनता को देना चाहिए जवाब -अमरजीत सिंह – Satya Voice

उत्तराखंड भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम को मीडिया के खिलाफ गृह सचिव को चिट्ठी लिखने के बजाय आरोपों पर जांच में सहयोग कर जनता को देना चाहिए जवाब -अमरजीत सिंह

भाजपा नेता दुष्यंत कुमार गौतम द्वारा गृह सचिव उत्तराखंड को लिखे गए पत्र में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं समाचार चैनलों से उनसे जुड़े प्रश्नों वाली सामग्री को तत्काल हटाने तथा उसके प्रसारण/प्रसार पर प्रतिबंध की मांग पूर्णतः अनुचित है। आरोपों की जांच में सहयोग कर जनता के बीच जवाब देना चाहिए: अमरजीत सिंह

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरजीत सिंह ने कहा कि भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार एडिटेड वीडियो के माध्यम से विपक्ष के विरुद्ध झूठा प्रचार और दुष्प्रचार किया जा रहा है। वहीं, जब भाजपा नेताओं से अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सत्य एवं तथ्यों के आधार पर जवाब मांगा जाता है, तो सवाल पूछने वाले व्यक्तियों और स्वतंत्र मीडिया संस्थानों के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई के लिए प्रशासन को पत्र लिखे जाते हैं।

 

उन्होंने कहा कि स्वयं को सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता बताते हुए देशभर में आम जनता के बीच सुदीर्घ एवं सम्मानजनक पहचान का दावा करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता दुष्यंत कुमार गौतम को अंकिता भंडारी मामले में प्रश्न करने वालों पर आपराधिक कार्रवाई के लिए पत्र लिखने के बजाय अपने ऊपर लग रहे आरोपों की जांच में सहयोग करना चाहिए और जनता के बीच आकर स्पष्ट जवाब देना चाहिए। सत्ता के मद में इस प्रकार के हथकंडे काम नहीं आएंगे। आमजन और मीडिया की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। देश के साथ-साथ उत्तराखंड की जनता आप पर उठ रहे सवालों और उस समय आपकी भूमिका को लेकर गंभीर प्रश्न कर रही है।

 

अमरजीत सिंह ने कहा कि गृह सचिव उत्तराखंड को लिखे गए उनके पत्र में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं समाचार चैनलों से सामग्री को तत्काल हटाने तथा उसके प्रसारण अथवा प्रसार पर प्रतिबंध की मांग पूर्णतः अनुचित है। इसके विपरीत, गृह सचिव महोदय को स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी मामले में उन पर लग रहे आरोपों की निष्पक्ष जांच हेतु मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की संस्तुति करनी चाहिए। जैसा कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल पहले ही उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं, ताकि सच्चाई देश के सामने आ सके।

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