साधली (गुजरात), 02 दिसंबर। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को गुजरात के बड़ौदरा के साधली में ‘सरदार@150 यूनिटी मार्च’ के अंतर्गत आयोजित ‘सरदार गाथा’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को उत्तराखंड की जनता की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सरदार पटेल को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और अटूट समर्पण से सरदार पटेल ने अखंड भारत का सपना साकार किया। खेड़ा और बारदोली के किसान आंदोलनों में अन्याय के खिलाफ उनके संघर्ष ने उन्हें पूरे देश में लोकप्रिय बनाया। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने संवाद, प्रेम, दृढ़ता और निर्भीकता का परिचय देते हुए 562 रियासतों को भारत संघ में शामिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लेकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मंत्र के साथ देश की एकता-अखंडता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के ‘एक देश, एक विधान, एक संविधान’ के संकल्प को पूरा किया। केवड़िया में विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण और हर साल ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन भी सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है।
उत्तराखंड में हुए कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में ‘एकता यात्रा’ आयोजित की गई। स्वयं उन्होंने चार प्रमुख स्थानों पर इसमें हिस्सा लिया। इन यात्राओं से युवाओं को नशा मुक्ति, योग और स्वास्थ्य से जोड़ा गया तथा सहकारिता मेलों के माध्यम से स्थानीय हस्तशिल्प और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया गया। ग्राम सभाओं में जनसंवाद कर लोगों की समस्याओं का मौके पर निराकरण किया गया और कई गांवों में ‘सरदार उपवन’ विकसित कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की प्रेरणा और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड ने पूरे राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर सभी नागरिकों को एक समान अधिकार और कानून प्रदान किए हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि सरदार पटेल के आदर्शों का अनुसरण करते हुए जाति, क्षेत्र, संप्रदाय और भाषा से ऊपर उठकर भारत की एकता-अखंडता को मजबूत बनाने में जुट जाएं।