📍 रियाद / नई दिल्ली : सऊदी अरब के ‘स्लीपिंग प्रिंस’ के नाम से मशहूर प्रिंस अलवलीद बिन खालिद बिन तलाल का शनिवार को निधन हो गया। वे करीब 20 वर्षों से कोमा में थे। साल 2005 में लंदन में हुए एक भीषण कार एक्सीडेंट के बाद से वे जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। निधन के समय उनकी उम्र 36 वर्ष थी।
ग्लोबल इमाम्स काउंसिल ने एक शोक संदेश जारी करते हुए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और शाही परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। वहीं, उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने भी एक बयान में कहा –
“हम अल्लाह की मर्ज़ी और क़दर पर पूर्ण विश्वास और गहरे दुख के साथ अपने प्यारे बेटे अलवलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के निधन की सूचना देते हैं। अल्लाह उन्हें जन्नत अता करे।”
हादसे के बाद जीवनभर का संघर्ष
1990 में जन्मे प्रिंस अलवलीद 2005 में 15 साल की उम्र में एक सैन्य कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, जब लंदन में उनका एक्सीडेंट हुआ। हादसे में उन्हें गंभीर मस्तिष्क चोटें और आंतरिक रक्तस्राव हुआ, जिसके बाद वे पूर्ण कोमा में चले गए।
उन्हें बाद में रियाद स्थित किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी में शिफ्ट किया गया, जहां दो दशक तक मेडिकल टीम की निगरानी में उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया। अमेरिकी और स्पेनिश विशेषज्ञों ने उनका इलाज किया, लेकिन वे कभी होश में नहीं आए।
‘स्लीपिंग प्रिंस’ बन गए प्रतीक
इन वर्षों में प्रिंस अलवलीद को “Sleeping Prince” के रूप में जाना जाने लगा। कभी-कभी उनके हाथ या उंगलियों की हल्की हलचल की वीडियो वायरल होती थी, जो लोगों के लिए आशा की किरण होती थी।
उनके पिता प्रिंस खालिद ने कभी भी लाइफ सपोर्ट हटाने से इनकार किया और कहा कि “मौत का फैसला सिर्फ अल्लाह करता है।”
अंतिम संस्कार
प्रिंस अलवलीद की जनाज़े की नमाज़ रविवार, 20 जुलाई को अस्र की नमाज़ के बाद रियाद के इमाम तुरकी बिन अब्दुल्लाह मस्जिद में अदा की जाएगी।
प्रिंस अलवलीद, प्रिंस खालिद बिन तलाल के सबसे बड़े बेटे थे और अरब के मशहूर व्यवसायी प्रिंस अलवलीद बिन तलाल के भतीजे थे।
