हल्द्वानी: चौराहों के 40 पेड़ अब गौशाला में गायों को देंगे छाया, इस टेक्नीक से शुरू हुआ ट्रांसलोकेशन

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर की तस्वीर कैसे बदले इसको लेकर सरकार दिन-रात काम कर रही है। विशेष तौर पर जिला प्रशासन ने जिन 13 चौराहों और सड़कों को चौड़ा करने का प्रोजेक्ट तैयार किया था उसे पर सभी एजेंसियां लगी हुई हैं। रोड को चौड़ा करने के लिए जो पेड़ आ रहे थे उन्हें भी ट्रांसलोकेट किया जा रहा है। जिसकी प्रक्रिया बाकायदा शुरू हो चुकी है। ‌ शुक्रवार रात सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई की मौजूदगी में कई पेड़ों की शिफ्टिंग की गई। यानी इन्हें ट्रांसलोकेट किया गया।

सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई ने बताया टेंडर के तहत दिल्ली कि रोहित नर्सरी पेड़ों के ट्रांसलोकेशन का काम कर रही है। इस कंपनी को ऐसे कामों में विशेषज्ञता हासिल है। इससे पहले यह कंपनी दिल्ली मेट्रो के साथ ही लखनऊ में भी कई बड़े प्रोजेक्ट में काम कर चुकी है। इसीलिए ट्रांसलोकेशन में इस कंपनी का चुनाव किया गया। ‌ जूम लाइन मोबाइल क्रेन के जरिए यह मशीन बड़े से बड़े पेड़ों को फूल की तरह उठा लेती है। और इसके बाद इन पेड़ों को जहां लगाया जाना है वहां आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है।

 

‌सिटी मजिस्ट्रेट‌ एपी वाजपेई ने बताया कि हल्द्वानी के 13 चौराहों और इनसे जुड़ी रोड को चौड़ा करने के लिए करीब 40 पेड़ पूर्व में चिह्नित किए गए थे। जिन्हें ट्रांसलोकेट किया जाना था। क्योंकि यह सभी चौड़ी पत्ती के फाईकस प्रजाति के पेड़ हैं। इनका पहले ट्रीटमेंट किया गया, सिलेंट लगाया गया, इसके अलावा एंटी-फंगल ट्रीटमेंट दिया गया। पुरानी रूट कटिंग की गई और ट्रांसलोकेशन के लिए नई रूट विकसित हों इसके लिए पेड़ के चारों ओर सॉइल भरने के बाद जब नए रूट डेवलप हो गए हैं। इसलिए उन्हें अब शिफ्ट किया जा रहा है। अगले 24 घंटे में हल्द्वानी के 20 पेड़ अपनी जगह से शिफ्ट कर लिए जाएंगे।

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