कुमाऊं में गुलदार की दहशत से लोग खौफ में है। कुमाऊं के नानकमत्ता और बागेश्वर में गुलदार ने दो मासूमों को अपना निवाला बना लिया है। जिससे क्षेत्र में दहशत फैली हुई है। वहीं वन विभाग की टीमों ने गुलदार को पकड़ने के लिए डेरा डाल लिया है।
पहली घटना जिला ऊधम सिंह नगर के नानकमत्ता के बिचवा भूड़ गांव निवासी कुलविंदर सिंह का 11 साल का बेटा गुरप्रीत सिंह अपराह्न एक बजे अपने घर के पीछे आंगन में खेल रहा था। पास में ही कुलविंदर झाड़ियों की कटाई कर रहे थे। तभी गन्ने के खेत से आए गुलदार ने अचानक पीछे से बालक की गर्दन पर हमला कर दिया और खींचकर ले जाने लगा।
बेटे पर गुलदार का हमला देख पिता ने शोर मचाया। जिस पर गुलदार गन्ने के खेत में बालक को छोड़कर भाग गया। गंभीर हालत में गुरप्रीत को तुरंत सितारगंज उप जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नानकमत्ता में बिचवा भूड़ गांव रनसाली रेंज के जंगल से लगा है। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए टीमें लगा दी है।
बागेश्वर में 2 साल की मासूम को बनाया निवाला
वहीं, दूसरी घटना बागेश्वर जिले के औलानी गांव में हुई। यहां दादी के साथ बैठी दो साल की बच्ची को गुलदार घसीटकर जंगल में ले गया। बाद में उसका शव बरामद हुआ। ग्राम प्रधान गीता साहनी ने बताया कि रवि उप्रेती की 2 वर्षीय बच्ची योगिता अपने एक वर्ष के भाई शौर्य के साथ आंगन में दादी कला उप्रेती के सामने खेल रही थी।
शाम 6 बजे गुलदार योगिता को उठाकर ले गया। पास में ही महिलाओं ने यह देख शोर मचाया तो गुलदार घर के पीछे बच्ची को छोड़कर जंगल भाग गया। गले तथा सिर पर गहरे जख्म होने से बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने पिंजरा लगाने की मांग की है। घटना बागेश्वर जिले के जिस औलानी गांव में हुई, वह धरमघर वन रेंज से लगा है।
डीएफओ बागेश्वर धुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि पीड़ित परिवार को 6 लाख रुपये त्वरित मुआवजा देने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। वन विभाग की चार टीमें औलानी गांव स्थित घटना स्थल पर पहुंच चुकी हैं। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड से पिंजरा लगाने व गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति प्राप्त हो चुकी है।
गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पशु चिकित्सक घटना स्थल पर रवाना हो गए हैं। वन विभाग की टीम ने गांव व आसपास गश्त बढ़ा दी है। ग्रामीणों से एहतियात बरतने की अपील की जा रही है।