उत्तराखंड: तेंदुए के अलग-अलग हमलों में दो बच्चों की मौत

उधमसिंहनगर। मौसम में बदलाव आते ही एक बार फिर तेदुओं का आतंक बढ़ गया है। बीते रोज कुमांऊ मण्डल के अलग-अलग जिलों में तेदुए के हमले में दो बच्चों की जान चली गयी। सूचना मिलने पर वन विभाग व पुलिस टीमों ने मौके पर पहुंच कर आक्रोशित क्षेत्रवासियों को समझाया और अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले की कांडा तहसील धरमघर वन रेंज के औलानी गांव निवासी रवि उप्रेती की तीन वर्षीय बेटी योगिता उर्फ भूमिका बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे अपनी दादी कला उप्रेती के साथ खेल रही थी। साथ ही उसका छोटा भाई शौर्य भी था। तभी तेंदुए ने हमला कर दिया और योगिता को उठा ले गया। घटना के तुरंत बाद परिजन और ग्रामीणों शोर मचाते हुए दौड़े तो तेंदुआ बच्ची को कुछ दूरी पर छोड़कर जंगल की ओर भाग गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्राम प्रधान गीता देवी ने बताया कि तेंदुए ने मासूम के गले व सिर पर गहरे जख्म कर दिए थे। ग्रामीणों ने तेंदुए को जल्द पकड़ने की मांग की है। ध्रूव सिंह मार्तोलिया डीएफओ बागेश्वर ने बताया घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की चार टीमों को मौके पर भेजा गया है मुख्य वन जीव प्रतिपालक उत्तराखंड से पिंजरा लगाने और तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। वन विभाग की टीम में घटनास्थल के आसपास इलाके में गश्त कर रही हैं।
वहीं तेदंुए के हमले की दूसरी घटना जनपद ऊधमसिंह नगर में सामने आयी है। यहंा नानकमत्ता क्षेत्र में रनसाली रेंज के प्लाट संख्या चार के समीप ग्राम बिचवा भूड़ निवासी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा खेती-बाड़ी करते हैं। बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे उनका 13 वर्षीय बेटा गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घर के आंगन में लगे नल में हाथ धो रहा था। तभी गन्ने के खेत से निकला तेंदुआ गोपी की गर्दन पकड़कर खींच ले गया। माता-पिता और परिजनों के शोर मचाने पर आसपास काम कर रहे ग्रामीण खेत की ओर दौड़ पड़े। इस पर तेंदुआ जंगल में भाग गया। गंभीर रूप से घायल गोपी को सितारगंज उपजिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टर रविंद्र सिंह ने बताया कि किशोर के गले की नलियां फट गई थीं, जिससे ज्यादा रक्त बह गया।

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