राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रवेश द्वार, सार्वजनिक स्थलों पर संस्कृत में लिखे जाएंगे नाम, ये है योजना

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से मंगलवार को राजभवन में सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन और संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने संस्कृत शिक्षा के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

बताया, संस्कृत भाषा के माध्यम से समरसता विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश के अल्पसंख्यक संस्थानों से समन्वय स्थापित करते हुए संवाद के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों के नाम पट्टिका आदि और राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य के प्रवेश द्वारों व सार्वजनिक स्थलों में लगे सरकारी होर्डिंग्स में नाम, सूचनाओं को संस्कृत भाषा में भी लिखवाए जाने की कार्रवाई चल रही है।

सचिव ने बताया, संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अधिकाधिक संस्कृत प्राथमिक विद्यालयों का संचालन करने पर भी कार्रवाई गतिमान है। संस्कृत अकादमी की ओर से देश की शैक्षणिक, आध्यात्मिक एवं धार्मिक आदि संस्थाओं में संस्कृत संभाषण शिविरों का आयोजन कर एक लाख लोगों को संस्कृत संभाषण सिखाने का लक्ष्य है।

उन्होंने कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की पुस्तक मेरी योजना के द्वितीय संस्करण की प्रगति के बारे में भी राज्यपाल को अवगत कराया। राज्यपाल ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा हमें हमारी जड़ों से जोड़ने वाली भाषा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

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