आकाशवाणी से विविध भारती के प्रसारण समय में बड़ी कटौती, श्रोताओं ने जताई नाराजगी

आकाशवाणी इलाहाबाद को सिकोड़ने की सुगबुगाहट के बीच महानिदेशालय ने विविध भारती चैनल के प्रसारण में भारी कटौती कर दी है। उत्तरी जोन में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले इस चैनल की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। नौ जनवरी के बाद इसे केवल चार घंटे ही प्रसारित किया जा रहा है। पहले सुबह से रात तक इसका प्रसारण होता था। इससे उन कलाकारों और श्रोताओं में रोष है जिनके कार्यक्रम भी इसमें प्रसारित होते रहे हैं।

सबसे अधिक प्रिय चैनल है विविध भारती, चार अन्य केंद्र प्रभावित

विविध भारती के प्रसारण का समय कम करने का निर्णय प्रसार भारती के महानिदेशालय से हुआ था। उत्तरी जोन में पांच केंद्रों रोहतक, जालंधर, जयपुर, वाराणसी और इलाहाबाद आकाशवाणी केंद्र इससे प्रभावित हुए हैं। वर्तमान में सुबह नौ से 10 बे तक, अपरान्ह तीन से पांच बजे और रात में नौ से 10 बजे तक ही प्रसारण किया जा रहा है। विविध भारती दरअसल वह चैनल है जिसमें स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रमों को भी जगह मिलती है इसके अलावा अन्य मनोरंजक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।

तीन सभाओं में दो छीनने की तैयारी

आकाशवाणी इलाहाबाद से तीन सभाओं में कार्यक्रमों का प्रसारण होता है। पहली सभा सुबह 5.55 बजे से 10 बजे तक, दूसरी 12 से दोपहर तीन बजे और तीसरी सभा में कार्यक्रम शाम पांच से रात 11.10 बजे तक प्रसारित होते हैं। महानिदेशालय की तैयारियां धरातल पर क्रियान्वित हुईं तो आकाशवाणी इलाहाबाद के पास केवल पहली सभा को ही प्रसारित करने का अधिकार होगा। दूसरी और तीसरी सभा लखनऊ केंद्र प्रसारित करेगा।

केंद्र के निदेशक लोकेश शुक्ल कहते हैं कि निर्णय महानिदेशालय का है। दो सभाओं को लखनऊ के सुपुर्द करने की चर्चा है लेकिन अभी आदेश नहीं आया है। विविध भारती का समय कम होने पर श्रोताओं के फोन आ रहे हैं, लोगों में नाराजगी है।

जानिए क्या कहते हैं श्रोता

पूर्व मंडलायुक्त बादल चटर्जी कहते हैं कि विविध भारती का समय कम होना अफसोसजनक है। पुराने गाने सुनने का शौक है, सुबह नहीं सुन पाते थे तो रात में दोबारा रिले होने पर सुनते थे। प्रसार भारती को चाहिए के विविध भारती के समय से छेड़छाड़ न हो। पूर्व मंडलायुक्त डा. आरएस वर्मा का भी कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रेडियो के श्रोता काफी काफी अधिक हैं। वह स्वयं विविध भारती पर गाने सुनते हैं। लखनऊ जाते समय गाड़ी में इसी बहाने सफर कटता रहा है। सुझाव है कि विविध भारती के समय में हुई कटौती वापस ली जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!