धर्म

पीएम व संघ प्रमुख ने दी आचार्य श्री विद्यासागर को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली,18 फरवरी (आईएएनएस)| आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के ब्रह्मलीन होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संदेश में उन्हें श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री ने आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके प्रयासों को याद करते हुए कहा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”

महान तीर्थंकरों की श्रेष्ठतम परंपराओं को अपने जीवन में साक्षात करने वाले जैन धर्म के महान आचार्य पूज्य श्री विद्यासागर जी महाराज का शरीर रविवार प्रात डोंगरगढ़-राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में पूर्ण हो गया। पूज्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने 1968 में दिगंबरी दीक्षा ली थी और तब से आज तक वे निरंतर सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, ब्रह्मचर्य की साधना करते हुए इन पंच महाव्रतों के देशव्यापी प्रचार हेतु समर्पित हो गए।

वहीं संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत ने अपने संदेश में कहा, “लोक कल्याण की भावना से अनुप्राणित होकर पूज्य आचार्य श्री महाराज ने अपने जीवन में सैकड़ों मुनियों एवं आर्यिकाओं को दीक्षा प्रदान की और लोकोपकारी कार्यों हेतु सदैव अपनी प्रेरणा और आशीर्वाद प्रदान किया। संपूर्ण भारतवर्ष में उन्होंने अनेक स्थानों पर गौशालाएं, शिक्षा संस्थान, हथकरघा केंद्र तथा भिन्न-भिन्न प्रकार की लोकमंगलकारी योजनाओं का शुभारंभ कराया। अनेक कारागारों में वहां रह रहे हजारों लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने का अभूतपूर्व कार्य उनके आशीर्वाद से ही चल रहा है। उनकी यही अभिलाषा थी कि यह देश अपनी उदात्त शिक्षाओं और जीवन आदर्शों को लेकर पुन खड़ा हो और वर्तमान समय में विश्व को नई दिशा प्रदान करे। उनका संपूर्ण जीवन इन आदर्शों के प्रति समर्पित था। अंतिम श्वांस तक उन्होंने अपने कठोर साधनाव्रत का निर्वाह किया। लाखों लोग उन आदर्शों पर आज चल रहे हैं। उनके चले जाने का दुख तो सभी को होना स्वाभाविक ही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनके द्वारा दिग्दर्शित इस मार्ग पर हम सभी लोग और अधिक दृढ़ता और समर्पित भाव से निरंतर आगे बढ़ते रहें तथा उन आदर्शों को तीव्र गति प्रदान करें। हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”

–आईएएनएस

जीसीबी/सीबीटी

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button